भगवान शिव की कृपा बरसाने वाला प्रदोष व्रत अगर सोमवार के दिन रखा जाए तो क्या है इसका महत्व और इस दिन कैसे की जाती है महादेव की पूजा, जानने के लिए पढ़ें यह लेख.

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सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि: जीवन से जुड़े सभी कष्टों को दूर करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रदोष व्रत को बहुत ही शुभ और फलदायी माना गया है। महादेव के इस व्रत का महत्व सोमवार के दिन होने से और भी बढ़ जाता है, क्योंकि औढरदानी शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से साधक पर भगवान शिव की कृपा बरसती है और उसके जीवन से जुड़े सभी संकट दूर हो जाते हैं। चलो देवों के देव भगवान शिव जानिए सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि और धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से।
कैसे करें सोम प्रदोष व्रत की पूजा?
प्रदोष काल में भगवान शिव की कृपा बरसाने वाले व्रत के पूजन का विशेष महत्व है। आज के दिन प्रदोष काल से पहले स्नान और ध्यान करके भगवान शिव को गंगाजल से स्नान कराने के बाद सफेद चंदन का तिलक और भस्म अर्पित करें। इसके बाद फूल, फल आदि चढ़ाकर शुद्ध घी का दीपक जलाकर प्रदोष व्रत की कथा पढ़नी चाहिए। इसके बाद रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव के मंत्र का जाप करें और अंत में महादेव की आरती के बाद प्रसाद सभी को बांट दें और अंत में स्वयं प्रसाद ग्रहण करें।
सोम प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
भगवान शिव की पूजा के लिए रखे जाने वाले प्रदोष का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है। मान्यता है कि सोमवार के दिन यदि प्रदोष व्रत रखा जाए तो व्यक्ति के जीवन से जुड़ी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति विधि-विधान से सोम प्रदोष व्रत का पालन करता है तो उसके जीवन से जुड़े सभी दोष, रोग, शत्रु दूर हो जाते हैं और उसे सुख-संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सोम प्रदोष का व्रत करने वाले साधक पर शिव की कृपा सदैव बरसती रहती है।
सोम प्रदोष व्रत की पूजा का उपाय
आज के दिन भगवान शिव की पूजा में हो सके तो आक के पौधे पर सफेद रंग के फूल, बेलपत्र, खिले हुए शमी पत्र विशेष रूप से चढ़ाएं। मान्यता है कि अगर आज के दिन आक के पौधे की जड़ को भगवान शिव को समर्पित कर शिव मंत्र से सिद्ध करके धारण किया जाए तो व्यक्ति को बुरी नजर का खतरा नहीं रहता है।
(यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे आम जनहित को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)