मार्गशीर्ष की विधि और नियम जानने के लिए इस लेख को अवश्य पढ़ें या कहें अगहन मास की पूर्णिमा का व्रत, जिस पर भक्त को श्रीहरि सहित मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2022
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 2022:सनातन परंपरा में हर महीने के शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि यानी पूर्णिमा का दिन बहुत ही धार्मिक और धार्मिक महत्व रखता है। ज्योतिषीय महत्व होता है। जब यह पूर्णिमा मार्गशीर्ष मास या कहें अगहन मास में पड़ती है तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। मान्यता है कि अगहन मास की पूर्णिमा के दिन जो भी साधक सच्चे मन से श्री लक्ष्मीनारायण की पूजा करता है, वह अंत समय में श्री हरि की कृपा से सभी सुखों को प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त करता है। आइए आज मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा व्रत करने की विधि, नियम और उपाय के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कैसे करें अघन पूर्णिमा की पूजा
मार्गशीर्ष या कहें अघन पूर्णिमा आज के दिन स्नान और ध्यान करने के बाद सबसे पहले श्री हरि विष्णु और मां लक्ष्मी को गंगाजल से स्नान कराएं और फिर उन्हें पीले आसन पर बैठाकर पीले चंदन से तिलक करें। इसके बाद पीले फूल, पीली मिठाई आदि अर्पित करें। इसके बाद अक्षत, धूप, दीप आदि दिखाकर पूर्णिमा व्रत की कथा कहें। इसके बाद ‘ओम नमो भगवते वसु देवाय नम: स्वाहा इदं वसु देवाय इदं नमम्’ हवन सामग्री को 11, 21, 51 या 108 बार मंत्र पढ़ते हुए हवन करें। पूजा के अंत में भक्ति और विश्वास के साथ भगवान श्री लक्ष्मीनारायण की आरती उतारें और प्रसाद को ज्यादा से ज्यादा लोगों में बांट दें और खुद भी ग्रहण करें।
अगहन मास की पूर्णिमा के व्रत का महत्व
मान्यता है कि अगहन मास की पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के लिए मोक्ष के मार्ग खुल जाते हैं। इस दिन पूजा और दान करने से उसके जीवन से जुड़े सभी संकट दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगहन मास की पूर्णिमा के दिन व्रत और पूजा करने से साधक को न केवल भगवान श्री नारायण की बल्कि मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। अगहन मास की पूर्णिमा को गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को अनंत सुख की प्राप्ति होती है और उसके जीवन से सारे दोष दूर हो जाते हैं।
अगहन पूर्णिमा की पूजा विधि
- अगहन पूर्णिमा पर पूजा के साथ दान-पुण्य करने का भी बड़ा महत्व है। मान्यता है कि अगहन पूर्णिमा पर दान करने से व्यक्ति को 32 गुना अधिक शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आज के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करें।
- अगहन पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
- कुंडली से चंद्र दोष को दूर करने के लिए आज अगहन मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा के उदय के समय दूध में गंगाजल, अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें। इस उपाय को करते समय ‘ॐ सों सोमाय नमः’ मंत्र का जाप अवश्य करें।
(यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे आम जनहित को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)