माँ सरस्वती मंत्रा (Maa Saraswati Mantra)
इन maa saraswati mantra का प्राचीन काल में बड़े बड़े ऋषि मुनियों द्वारा किआ जाता था | कृपा इन मंत्रो का उचारण पुरे विधि विधान से करे | इन मंत्रो की 1 माला या 11 , २१ ,५१ की गिनती में किया जाता है | maa saraswati mantra one :-ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः। यह देवी का बीज मंत्र है |
maa saraswati mantra two –ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा। इस मंत्रा का उपयोग भय निवारण के लिए किया जाता है |
maa saraswati mantra three:-ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।
माँ सरस्वती की पूजा कब और कैसे की जाति है ?
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है | माना जाता है कि इसी दिन शब्दों की शक्ति मनुष्य की झोली में आई थी | इस दिन बच्चों को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है |
1. मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें।
2. अब रोली चंदन हल्दी केसर चंदन पीले या सफेद रंग के पोस्ट पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें ।
3. पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को अर्पित करें।
4. मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें।
माँ सरस्वती चालीसा क्यों करे ?
माँ सरस्वती चालीसा
|| दोहा ||
बंदों मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दाता री।।
पूरण जगत में व्याप्त तब महिमा अमित अनंतु।
दुष्ट जनों के पाप को मां तू तू ही अब हन्तु।।
जय श्री सकल बुद्धि बल राशि।
जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी।
जय जय जय वीणा कर धारी ।
करती सदा सुहस सवारी।।
रूप चतुर्दशी धारी माता।
सकल विश्व अंदर विख्याता।।
जग में पाप बुद्धि जब होती।
तब ही धर्म की फीकी ज्योति।।
तब ही मातु का निज अवतारी।
पाप हीन करती महतारी।।
बाल्मीकि जी के हत्यारा ।
तव प्रसाद जाने संसारा।।
रामचरित जो रचे बनाई।
आदि कवि की पदवी पाई।।
कालिदास जो भये विख्याता।
तेरी कृपा दृष्टि से माता।।
तुलसी सूर आदि विद्वाना।
भये और जो ज्ञानी नाना।।
तिन्ह न और रहेऊ अबलम्बा।
केव कृपा आपकी अंबा।।
करहु कृपा सोई मातु भवानी।
दुखित दीन निज दासही जानी।।
पुत्र करहि अपराध बहुता।
तेहि न धरई चित माता।।
राखू लाज जननी अब मेरी।
विनय करऊ भांति बहु तेरी।।
मै अनाथ तेरी अबलंभा।
कृपा करऊ जय जय जगदंबा।।
मधु कैटभ तब जो अति बलवाना।
बाहु युद्ध विष्णु ने ठाना।।
समर हजार पांच में घोरा।
फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा।।
मांतू सहाय किन्ह तेहि काला।
बुद्धि विपरीत भई खल हाला।।
तेहि ते मृत्यू भई खल फेरी।
पूर्वहु मातु मनोरथ मेरी।।
चंड मुंड जो थे विख्याता।
क्षण महू संहारे उन माता।।
रक्त बीज से समरथ पापी।
सुर मुनि हदय धरा सब कॉपी।।
काटऊ सिर जिमी कदली खंबा ।
बारम्बार बिन वाऊ जगदंबा।।
जग प्रसिद्धि जो शुभ निसुम्भा।क्षण में बांधे ताहि तू अंबा।।
भरत मातु बुद्धि फेरहु जाई ।रामचंद्र वनवास कराई।।
यही विधि रावण वध तू कीन्हा।
सुर नर मुनि सब को सुख दीन्हा।।
को समरथ तो व्यस्त गुण गाना।
निगम अनादि अनंत व खाना।।
विष्णु रुद्र जस कहींन मारी ।जिनकी हो तुम रक्षा कारी।।
रक्तदंतिका और शताक्षी। नाम अपार है दानव भक्सी।।
दुर्गम काज धरा पर किन्हा।
दुर्गा नाम सकल जग लिन्हा।।
दुर्गादी हरणी तू माता।
कृपा करो जब-जब सुखदाता।।
नृप कोपित को मरण चाहे।
कानन में घेरे मृग नाहे।।
सागर मध्य पोत के भजे।
अति तूफ़ान नहि कोहू संगे।।
भूत प्रेत बाधा या दुख में।
हो दरिद्र अथवा संकट में।।
नाम जपे मंगल सब होई।
संस्ये इसमें करहे न कोई।।
पुत्र हीन जो आतुर भाई।
स्भेहे छाडी पूजे एही भाई।।
करै पाठ नित्य चालीसा ।
होय पुत्र सुंदर गुण ईशा।।
धूपधिक नवेद चढ़ावे।
संकट रहित अवस्य हो जावे।।
भक्ति मां तू की करे हमेशा।
निकट ना आवे ताही कलेशा।।
बंदी पाठ करे सतबारा।
बंदी पास दूर हो सारा।।
रामसागर बंधी है तू भवानी।
कीजै कृपा दास निज जानी।।
डूबन से रक्षा करहू परू न मै बहु कूप।।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि सुनहु सरस्वती मातू ।
रामसागर अधम को आश्चर्य तू ही देदातू ।।
माँ सरस्वती आरती
जय सरस्वती माता मैया सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता।। जय….
चंद्रबदनी पद्मासिनी धूति मंगलकारी।
सो हे शुभ हंस सवारी अतुल तेज धारी।। जय….
बाये कर में वीणा दाएं कर में माला।
शीश मुकुट मणि सोहे गले मोतियन माला।। जय…
देवी शरण जो आए उनका उद्धार किया।
पेठी मंत्रा दासी रावण संघार किया।। जय….
विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो।
मोह अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो।। जय….
धूप दीप फल मेवा मां स्वीकार करो।
ज्ञान चक्षु दे माता जग नीशदर करो।। जय….
मां सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावे।
हितकारी सुख कार्य ज्ञान भक्ति पावे।। जय….
जय सरस्वती माता मैया सरस्वती माता।
सद्गुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता।। जय….
आज आपको माँ सरस्वती के वैदिक मंत्रो (maa saraswati mantra) के साथ साथ और भी बहुत कुछ को सिखने को मिला | अगर आप कुछ और भी जानना चाहते है तो हमें जरुर बताये धन्यवाद || माँ सरस्वती का आशीर्वाद आप पर व आपके परिवार पर हमेशा बने रहे | जय माँ सरस्वती |