खुशी वो अनमोल हीरा है, जिसे आप बिना खरीदे ही पहन सकते हैं और जब तक यह आपके पास है, आपको खूबसूरत दिखने के लिए किसी और चीज की जरूरत नहीं है। खुशी पर 5 प्रेरक उद्धरण पढ़ें।

खुशी पर प्रेरक उद्धरण
हर इंसान जीवन में हमेशा खुश रहना चाहता है। वह नहीं जानता कि इस खुशी को पाने के लिए वह क्या-क्या करता है, लेकिन कुछ लोगों को यह बड़े सौभाग्य से मिलता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि सुख क्या है और इसे कैसे प्राप्त करें। सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि प्रसन्नता एक ऐसा प्रतिफल है जो व्यक्ति को अपनी समझ के अनुसार सही जीवन जीने पर मिलता है। कहने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति के सुख और नैतिक कर्तव्य एक दूसरे से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं।
प्रसन्नता व्यक्ति के शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। प्रसन्न व्यक्ति का मन और मस्तिष्क दोनों ही शीतल रहते हैं। खुश रहने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है। प्रसन्नचित व्यक्ति हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। अब सवाल उठता है कि इंसान खुश कैसे रह सकता है? सनातन परंपरा के अनुसार व्यक्ति को हमेशा सच्चाई, ईमानदारी से मेहनत, प्रेम, तन-मन से स्वस्थ रहने और सकारात्मक सोच से सुख मिलता है। जीवन में खुशी का असली मतलब समझने के लिए आइए पढ़ते हैं सफलता के 5 मंत्र।
- खुशी या यूं कहें कि खुशी पहले से बनी चीज नहीं है, यह आपके अपने कर्मों से आती है।
- खुशी कोई बेशकीमती चीज नहीं है, बल्कि यह एक व्यक्ति के भीतर उत्पन्न विचार का गुण है, उसके मन की एक अवस्था है।
- प्रसन्नता आपका अमूल्य खजाना है, इसलिए छोटी-छोटी बातों को भूलकर भी इसे लुटने न दें।
- किसी कारणवश सुख का अनुभव करना दूसरे प्रकार का दुःख है, क्योंकि वह कारण हमसे कभी भी छीना जा सकता है।
- इंसान को सबसे ज्यादा खुशी तब होती है जब वह काफी मेहनत के बाद किसी समस्या का हल ढूंढता है।
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