बुराई इसलिए नहीं पनपती क्योंकि बुराई करने वालों की संख्या बढ़ गई है, बल्कि इसलिए कि बुराई करने वालों की संख्या बढ़ गई है। बुराई पर 5 मूल्यवान पाठ पढ़ें।

बुराई पर प्रेरक उद्धरण
जीवन में अच्छाई और बुराई धूप और छांव की तरह होते हैं और हमेशा व्यक्ति के साथ रहते हैं। हालांकि सच यह भी है कि अच्छाई के पीछे कोई नहीं जाता, जबकि बुराई की ओर सभी आकर्षित होते हैं। मसलन, शराब बेचने वाले को कहीं नहीं जाना पड़ता, बल्कि दूधवाले को घर-घर जाकर गली-गली दूध बेचना पड़ता है। किसी की अच्छाई की बात करनी हो तो शायद ही कोई बोलता हो। कहने का तात्पर्य यह है कि चुप तो सभी रहते हैं, लेकिन किसी की बुराई करनी हो तो गूंगे भी बोल देते हैं, लेकिन बुराई कितनी भी बड़ी हो, अच्छाई के आगे छोटी ही होती है।
यदि कोई व्यक्ति आपके सामने किसी अन्य व्यक्ति की बुराई कर रहा है, तो कभी भी यह अपेक्षा न करें कि वह दूसरों के सामने आपकी प्रशंसा करेगा, लेकिन जो व्यक्ति अच्छाई बताता है, वह आपकी अच्छाई को सबके सामने जरूर बताएगा। बुराई पर चलने वाले को जीवन में कुछ हासिल नहीं होता, जबकि अच्छाई की राह पर चलने वाले को लोग हमेशा याद रखते हैं। सही मायनों में अच्छे और बुरे का संबंध व्यक्ति के कर्मों से होता है। एक ही बाँस होता है, जिसे कोई बाँस का बाण बनाकर किसी को घायल करता है, तो कोई उससे बाँसुरी बनाकर उससे मीठा रस घोलता है। आइए पढ़ते हैं जीवन में बुराई से बचने के लिए 5 प्रेरक वाक्य।
- जो लोग जीवन में सुख, शांति और उन्नति चाहते हैं उन्हें दूसरों की बुराई पर नहीं बल्कि उनकी अच्छाई पर ध्यान देना चाहिए।
- हमेशा ऐसा जीवन जियो कि कोई तुम्हारी बुराई भी करे तो दूसरे उस पर कभी विश्वास न करें।
- जीवन में जो आपका बुरा करें, उनका न भला करें न बुरा, बस उनसे दूर रहें।
- ऊंची और ऊंची उड़ान भरने में कोई बुराई नहीं है। आप उड़ भी सकते हैं, लेकिन हमेशा उतनी ही ऊंचाई तक उड़ें, जहां से जमीन साफ दिखाई दे।
- हमेशा बहते पानी की तरह दूसरों का भला करो। एक दिन ऐसा आएगा जब बुराई खुद नदी में बहने वाले कचरे की तरह किनारे पर आ जाएगी।