Importance of moon in astrology and what does moon in astrology represents | Astrology: ज्योतिष में चंद्रमा का क्या है महत्व, कुंडली में चंद्रमा किस तरह करते हैं प्रभावित?

चंद्रमा एक राशि में सबसे कम समय के लिए ही गोचर करता है। चंद्रमा लगभग ढाई दिन में एक राशि से दूसरी राशि में अपनी यात्रा पूरी करता है।

Astrology: ज्योतिष में चंद्रमा का क्या महत्व है, कुंडली पर चंद्रमा कैसे प्रभाव डालता है?

कुंडली में चंद्रमा का प्रभाव

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वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा का विशेष महत्व और स्थान है। ज्योतिष शास्त्र में किसी व्यक्ति की चंद्र राशि जानने के लिए कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को ध्यान में रखा जाता है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय चांद वे जिस राशि में होते हैं, वह जातक की चंद्र राशि कहलाती है। चन्द्रमा सूर्य के बाद क्रम में दूसरा ग्रह है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ज्योतिष में चंद्रमा का क्या महत्व है और ज्योतिषीय गणना कैसे की जाती है…

चन्द्रमा की गति सभी ग्रहों से तेज है

सभी 9 ग्रहों में चंद्रमा की गति सबसे तेज है। चंद्रमा एक राशि में सबसे कम समय के लिए ही गोचर करता है। चंद्रमा लगभग ढाई दिन में एक राशि से दूसरी राशि में अपनी यात्रा पूरी करता है। वैदिक ज्योतिष में व्यक्ति की राशि के आधार पर राशिफल की गणना की जाती है। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को एक शुभ ग्रह माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में जहां सूर्य को पिता और चंद्रमा को स्त्री ग्रह माना गया है। चंद्रमा रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र के साथ कर्क राशि का स्वामी है। वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह मन, माता, मनोबल, बायीं आंख और छाती के कारक हैं।

लग्न में ऐसा फल देता है चंद्रमा

यदि किसी जातक के लग्न में चन्द्रमा हो तो जातक देखने में अत्यंत सुंदर, कल्पनाशील, भावुक, संवेदनशील और साहसी होता है। कुंडली में चंद्रमा के बली होने पर व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत और प्रसन्न रहता है। ऐसा व्यक्ति अपनी मां के करीब होता है। वहीं अगर कुंडली में चंद्रमा कमजोर है तो मानसिक रूप से कमजोर और भुलक्कड़ होता है। कई बार चंद्रमा के कमजोर होने पर व्यक्ति मुश्किल समय में आत्महत्या करने की कोशिश करता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा पाप ग्रह से पीड़ित हो तो व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

ये उपाय करें

चंद्रमा सफेद रंग प्रदर्शित करता है। इसका रत्न मोती है। चन्द्रमा की बली के लिए व्यक्ति को सोमवार का व्रत करना चाहिए। चांदी की अंगूठी में मोती को सबसे छोटी उंगली में धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा चंद्रमा से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा की महादशा 10 वर्ष की होती है। चंद्रमा जल तत्व के देवता हैं। सोमवार का दिन चंद्रदेव को समर्पित है। चंद्रमा के स्वामी भगवान शिव हैं। चंद्रमा ऋषि अत्रि और मां अनुसूया की संतान हैं। चन्द्रमा सोलह कलाओं से बना है। इन्हें उत्तर-पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है।

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