ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2023 में बड़े और प्रभावशाली ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। साल 2023 में किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती होगी।

नए साल पर इस राशि पर रहेगा शनि साढ़ेसाती का सबसे कष्टदायक दौर, जानें उपाय
नया साल आने में कुछ ही दिन बचे हैं। नया साल आते ही हर कोई जानना चाहता है कि नया साल उनके लिए कैसा बीतेगा। आने वाले साल में ग्रह कैसे शुभ और अशुभ प्रभाव जीवन में डालेंगे। वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की गणना और ज्योतिषीय विश्लेषण के द्वारा आने वाले वर्ष की भविष्यवाणियां की जाती हैं। साल 2023 में गुरु, राहु और शनि जैसे बड़े और प्रभावशाली ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। इन ग्रहों के राशि परिवर्तन का हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। साल के पहले ही महीने में कर्मफल और न्याय के दाता शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। शॉनी शनि की साढ़े साती अपनी दूसरी राशि यानी कुम्भ में स्थान परिवर्तन के कारण कुछ राशियों में शुरू होगी और कुछ राशियों पर समाप्त होगी। वहीं दूसरी ओर कुछ राशियां ऐसी होंगी जिन पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। आइए जानते हैं कि साल 2023 में किन राशियों पर शनि की साढ़े साती रहेगी और किन राशियों पर साढ़े साती का सबसे कष्टकारी दौर शुरू होगा।
क्या है शनि साढ़ेसाती और उसके चरण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। ये किसी एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं और फिर राशि परिवर्तन करते हैं। शनि के राशि बदलने पर कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाती है। शनि की साढ़ेसाती अत्यंत कष्टदायक और कष्टकारी होती है। साढ़े साती के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सफलता कम ही प्राप्त होती है। कोई भी काम काफी जद्दोजहद के बाद ही पूरा होता है और तरह-तरह की बीमारियां होती रहती हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार शनि की साढ़े साती तब प्रकट होती है जब शनि जन्म राशि से 12वें, पहले और दूसरे भाव में गोचर करता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि की साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं। पहला चरण, दूसरा चरण और तीसरा चरण। पहले चरण को उदय चरण, दूसरे को शिखर चरण और तीसरे चरण को अष्ट चरण कहा जाता है।
साढ़े साती का उदय चरण
जब शनि ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं तो राशियों पर अलग-अलग चरण शुरू हो जाते हैं। उदय चरण शनि की साढ़े साती का पहला चरण है। इस चरण में जिस राशि पर साढ़ेसाती चल रही हो, उसे धन हानि, व्यापार में घाटा, कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बहुत कम ही काम पूरे होते हैं।
साढ़ेसाती का चरम चरण
दूसरा चरण साढ़े साती का चरम चरण है। शिखर चरण में शनि की साढ़ेसाती अपने चरम पर होती है। पीक फेज में सबसे बुरा असर जातक पर ही रहता है। जिन जातकों पर साढ़े साती का शिखर चरण चलता है। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इस चरण से जातकों को काफी कष्ट उठाना पड़ता है। धन हानि, स्वास्थ्य और करियर के मामले में सबसे खराब परिणाम प्राप्त होते हैं।
साढ़े सात का सेट चरण
तीसरे और अंतिम चरण को अष्ट चरण कहा जाता है। इसमें पिछले सात सालों से चल रही साढ़ेसाती का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। साढ़े साती के अंतिम चरण में आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बेवजह के खर्चे बढ़ जाते हैं।
2023 में इन राशियों पर रहेगी साढ़े साती
शनि 30 साल बाद 17 जनवरी 2023 को कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। कुंभ राशि में शनि के गोचर से मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसके अलावा मकर और कुंभ राशि पर साढ़े साती चलती रहेगी। साढ़े साती का पहला चरण मीन राशि पर, दूसरा चरण कुंभ राशि पर और अंतिम चरण मकर राशि पर रहेगा।
साढ़े साती के प्रभाव को कम करने के उपाय
शनि देव से संबंधित मंत्रों का जाप करें। शनिवार की शाम पीपल के पेड़ को जलाएं और वहां तेल का दीपक जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें। काली वस्तु का दान करें। हमेशा गरीबों की मदद करें। शनि मंदिर जाएं और शनिदेव के दर्शन करें।