आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कर्मकांड से धन के सम्मान से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने धन के बारे में क्या कहा है।

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जिस पर मां लक्ष्मी की कृपा हो जाती है उसके घर की समृद्धि कभी खत्म नहीं होती है। ऐसे परिवार को सुख-समृद्धि के साथ-साथ धन लाभ भी प्राप्त होता है। आचार्य चाणक्य पैसे पर कुछ विचार साझा किए। महान अर्थशास्त्री चाणक्य ने धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए हैं। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो आपके घर में हमेशा मां लक्ष्मी का वास रहेगा। आपके घर में कभी धन की कमी नहीं होगी। आइए जानते हैं चाणक्य नीति धन के बारे में क्या कहती है।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चाणक्य के शब्द
- चाणक्य कहते हैं कि रिश्तों के साथ-साथ पैसे की भी कद्र करें, क्योंकि दोनों को कमाना मुश्किल और गंवाना आसान है। पैसे के दिखावे के चक्कर में पैसा बर्बाद न करें।
- चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति फिजूलखर्ची न कर बचत पर ध्यान देता है उस पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है। जीवन सरल और सुखमय होगा। यह बचत आपको बुरे वक्त में आने वाली परेशानियों से बचाएगी।
- चाणक्य नीति के अनुसार, जिस परिवार में एकता और आपसी प्रेम होता है, उस परिवार में हमेशा लक्ष्मी का वास होता है। जहां बड़ों का सम्मान होता है और महिलाओं का सम्मान होता है, उन घरों में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
- चाणक्य कहते हैं कि रिश्तों में कभी पैसा नहीं आना चाहिए, क्योंकि जब भी रिश्तों की तुलना पैसों से की जाती है तो दरार आना तय है। यही दरार कटुता में बदल जाती है
- आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्मी वहीं निवास करती हैं जहां सुख-शांति का वातावरण होता है। इसलिए अपने आसपास हमेशा शांति का माहौल बनाए रखना चाहिए।
- मां लक्ष्मी को बेहद चंचल माना गया है। चाणक्य के अनुसार जो लोग अपने धन का अहंकार करते हैं वे बहुत जल्द गरीबी के कगार पर पहुंच जाते हैं।
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