आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में मानव जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया है। इन बातों का पालन कर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है।

इन 4 कारणों से जीवन में आ सकती हैं परेशानियां
आचार्य चाणक्य एक महान दार्शनिक थे। उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति, कूटनीति के अलावा जीवन से जुड़ी कई बातों के बारे में भी बताया है। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र की रचना की। उन्होंने नीति शास्त्र में लगभग हर क्षेत्र से जुड़ी बातों का जिक्र किया है। इन बातों का पालन कर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। ये नीतियां बहुत प्रसिद्ध हैं। आज भी लोग जीवन में सफलता पाने के लिए इन नीतियों का पालन करते हैं। आचार्य चाणक्य उन्होंने नीति शास्त्र में कुछ ऐसे कारण भी बताए हैं जो मानव जीवन में संकट पैदा कर सकते हैं।
ऋणी पिता शत्रुतापूर्ण माता च व्यभिचारिणी
पत्नी रूपवती शत्रु : पुत्र : शत्रुपंडित :
- ऋण – आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि पिता ऋण लेता है तो वह किसी शत्रु से कम नहीं होता है। पिता का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों की ठीक से देखभाल करे। लेकिन अगर इसके एवज में वह कर्ज लेता है तो आगे चलकर उसके बच्चों को यह कर्ज चुकाना पड़ेगा। ऐसे में पिता अपने बच्चों के लिए सबसे बड़ा दुश्मन साबित होगा।
- भेदभाव – आचार्य चाणक्य के अनुसार जो मां अपने बच्चों के साथ भेदभाव करती है, वह बच्चों के बीच संबंधों में दरार पैदा कर सकती है। इससे पारिवारिक संबंध खराब होते हैं। ऐसी मां अपने बच्चे की दुश्मन होती है।
- पत्नी का सौंदर्य – आचार्य चाणक्य के अनुसार पत्नी का सौंदर्य पति के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। अगर वह अपने पति का सम्मान नहीं करती है, तो अन्य पुरुषों के साथ संबंध बनाएं। ऐसी पत्नी अपमान का कारण बन सकती है।
- मूर्ख संतान – आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि किसी बच्चे में बुद्धि की कमी हो तो वह माता-पिता के लिए किसी शत्रु से कम नहीं होता है। ऐसा बच्चा हमेशा माता-पिता पर निर्भर रहता है। ऐसा बच्चा भविष्य में नुकसान पहुंचा सकता है।