हिंदू धर्म में शक्ति की साधना के रूप में मनाई जाने वाली नवरात्रि का काफी महत्व है। आज मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप यानी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इसके अलावा कुछ खास उपाय करने से भी आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं क्या हैं वो उपाय।

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नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। उसे पहचानो नवरात्रि मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करने से भक्तों के सभी संकट और संकट दूर हो जाते हैं। चार भुजाओं वाली माता दो हाथों में कमल का फूल रखती हैं, एक में कार्तिकेय रखती हैं और चौथे हाथ से अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। माना जाता है कि मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं। लेकिन, आज कुछ ऐसे खास उपाय हैं जिन्हें करने से आपके सुख-भाग्य में दोगुना इजाफा होगा। आइए जानते हैं इस दिन कौन से उपाय कारगर रहेंगे।
मां स्कंदमाता का रूप
मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप यानी स्कंदमाता को बेहद आकर्षक माना जाता है। मां स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं, जिनमें से उनके दो हाथों में कमल है। माता रानी सिंह पर सवार होकर सच्चे मन से उनकी पूजा करने वालों की मनोकामना पूरी करती हैं। भगवान स्कंद का बाल रूप भी माता रानी की गोद में विराजमान है। अगर आप संतान से जुड़ा कोई सुख पाना चाहते हैं तो मां स्कंदमाता की पूजा जरूर करें। इससे आपको जल्द ही सुख की प्राप्ति होगी।
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स्कंदमाता की पूजा करने के तरीके
दरअसल, भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय की माता होने के कारण मां दुर्गा के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शक्ति की पूजा के पांचवें दिन कुछ ऐसे उपाय हैं, जिन्हें करने से आपको अधिक लाभ मिलेगा। जो लोग दांपत्य जीवन जी रहे हैं और संतान सुख नहीं मिल रहा है, उन्हें आज के दिन विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको न केवल संतान सुख की प्राप्ति होगी, बल्कि जीवन में अन्य प्रकार से भी सफलता प्राप्त होगी।
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(यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे आम जनहित को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)