ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो भी रत्न धारण करता है उसका भाग्य उसके अनुकूल होता है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को ग्रह और राशि के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए, अन्यथा इसके बुरे प्रभाव भी व्यक्ति के जीवन में परेशानियां पैदा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कोई भी रत्न धारण करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई ऐसे उपाय हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति के संकट और दोष दूर हो जाते हैं। जब आपकी कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो रत्नों से जुड़े कुछ उपाय कारगर साबित हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बहुत महत्व बताया गया है। इसके प्रभाव का मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है क्योंकि प्रत्येक पत्थर की अपनी अलग ऊर्जा और शक्ति होती है। ऐसे में रत्न धारण करने से पहले किसी जानकार को दिखा दें कि यह आपके लिए फायदेमंद है या नहीं। ऐसा माना जाता है कि अलग-अलग रत्नों का कुंडली पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। इसलिए रत्न धारण करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं यह क्या है।
समय और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें
किसी भी तरह का रत्न धारण करने से पहले शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि प्रत्येक रत्न को धारण करने का एक दिन निश्चित होता है। साथ ही रत्न खरीदते समय शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखना चाहिए। रत्न खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उस पर कोई दाग न लगे, न ही वह टूटा-फूटा हो।
जानिए कौन सा रत्न आपके लिए शुभ है
रत्न खरीदने के बाद उसे अंगूठी में जड़वाने से पहले यह जरूर जान लें कि वह आपके लिए शुभ है या नहीं। कोई रत्न आपके लिए फलदायी है या नहीं, यह जानने के लिए उसे तीन दिन तक अपने तकिए के नीचे रखें। अगर ऐसा करने से आपको बुरे सपने नहीं आते हैं या आपके साथ कोई बुरी घटना नहीं होती है तो ऐसा रत्न धारण करने से कोई हानि नहीं होगी।
यदि आप एक से अधिक रत्न धारण करना चाहते हैं
यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक रत्न धारण करना चाहता है तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एक दूसरे के शत्रु राशियों से संबंधित रत्न धारण न करें। माना जाता है कि परस्पर शत्रु राशि वाले रत्न धारण करने पर व्यक्ति को बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
वजन देखो
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न खरीदते समय उसके वजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए। रत्न खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि रत्न 1/2 रत्ती का नहीं खरीदना चाहिए। कोशिश करें कि रत्न अपने वजन से अधिक का होना चाहिए।
रत्न कैसे धारण करें
कोई भी रत्न धारण करने से पहले उसकी पूजा करनी चाहिए और उसके बाद अपने इष्ट के पैर छूकर ही धारण करना चाहिए। पूजा के लिए रत्न की अंगूठी या लॉकेट को दूध में डालकर शुद्ध करें और फिर साफ पानी से धो लें। इसके बाद ही कोई रत्न धारण करें।
(यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसे आम जनहित को ध्यान में रखते हुए यहां प्रस्तुत किया गया है।)