Mahanavami , माँ दुर्गा नवमी यह माँ दुर्गा का प्रसिद्ध दिन है | इस दिन माँ दुर्गा ने राक्षस महिसासुर पर विजय प्राप्त की थी |
Table of Content
- दुर्गा mahanavami क्यों बनाई जाती है ?
- दुर्गा माता के 9 रूप कौन कौन से हैं?
- Mahanavami पर्व किस राज्य में मनाया जाता है ?
- What is the meaning of mahanavami and Katha?
- What is the next day of mahanavami celebrate ?
- What is Dussehra and why it is celebrated ?
- Is Maha Navami and Durga Puja same?
- When is mahanavami 2021 ?
दुर्गा महानवमी क्यों बनाई जाती है
हम सब जानते हैं ,कि देशभर में नवरात्रों को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह नवरात्रों के पर्व साल में 4 बार आते हैं । परंतु शारदीय नवरात्र को सबसे अधिक महत्वपूर्णता दी गई है । शारदीय नवरात्रों के बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है । शारदीय नवरात्रों में मां दुर्गा को प्रसन्न किया जाता है ।
9 दिनों तक चलने वाले इन नवरात्रों में भक्त व्रत और पूजन से मां को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं । महानवमी शारदीय नवरात्र का आखिरी दिन होता है |इस दिन भक्त हवन तथा कन्या पूजन करते हैं । इस दिन नौ कन्याओं को अपने घर में बिठाकर पूरे विधि विधान से भोजन कराया जाता है ।
मान्यताओं के अनुसार जब असुर राक्षस महिषासुर का प्रकोप बहुत ज्यादा बढ़ गया था । तो मां दुर्गा नहीं आकर महिषासुर का वध किया ,इसी वजह से मां दुर्गा को महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है ।
इसी दिन मां दुर्गा ने देवताओं को और अपने भक्तों को इस राक्षस से बचाया व अपने सभी मनोरथ को सिद्ध कर दिया था इसी वजह से इन्हें सिद्धिदात्री का नाम भी दिया गया है ।
भविष्य पुराण में भगवान श्री कृष्ण और धर्मराज युधिष्ठिर के संवाद में दुर्गा अष्टमी और महानवमी का उल्लेख मिलता है । इससे यह सिद्ध होता है कि महा नवमी की पूजा पाठ युगो युगो से की जाती है व मां दुर्गा की आराधना की जाती है ।
दुर्गा माता के 9 रूप कौन कौन से हैं?
महानवमी पर्व किस राज्य में मनाया जाता है|
मुख्यतः महा नवमी का पर्व पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है ,पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है | इसी के साथ गुजरात में इस पर्व पर गरबा डांस या नृत्य बहुत ही विशेष महत्व रखता है | इसी के साथ देशभर में देवी शक्ति पीठों पर 9 दिन तक लगातार मेले लगते हैं वह मां का आराध्य किया जाता है |
नवरात्र के पर्व को मुख्यता साल में दो बार बनाया जाता है ,वैसे तो नवरात्रों साल में 4 बार आते हैं लेकिन दो बार गुप्त नवरात्रि होते हैं ,जोकि सिद्धि प्राप्त करने के लिए बड़े-बड़े साधु व संत अपनी तंत्र विद्या का इस्तेमाल करते हैं |इस पर्व को बहुत ही श्रद्धा एवं विश्वास के साथ पूरे भारत देश में बनाया जाता है | मां दुर्गा की असीम कृपा पूरे भारत देश पर ऐसे हे हमेशा बनी रहे |
What is the meaning of Mahanavami & Katha
महानवमी का मतलब है मां दुर्गा का नौवां दिन जिस दिन उन्होंने महिषासुर नामक राक्षस पर 8 दिन तक लगातार युद्ध करके विजय प्राप्त की थी व देवताओं और अपने भक्तजनों को राक्षसों से बचाया था ।नोवे दिन विसेस्कर माँ सिधिदात्री की पूजा की जाती है | इसकी कथा कुछ इस प्रकार है |
माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों से सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ है | देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था |
इनकी अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था | इसी कारण वह लोक में अर्धनारीश्वर नाम से भी जाने जाते हैं | माँ सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं, इनका वाहन सिंह है | यह कमल पुष्प पर भी हसीन होती है | इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में चक्र ऊपर वाले हाथ में गधा तथा बाई तरफ नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है |
नवरात्र पूजन के नवे दिन इनकी उपासना की जाती है |इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठावान के साथ साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है | सृष्टि में कुछ भी उसके लिए आग में नहीं रह जाता साधक में पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है |
प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह मां सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त करने का निरंतर प्रयत्न करें उनकी आराधना की ओर अग्रसर हो इनकी कृपा से सांसारिक दुख से व मोह से भक्त मुक्त हो जाता है और सरे सुखो का अनुभव करने लगता है | तथा अंत में भगवान शिव के साथ आनंद करता हुआ मोक्ष को प्राप्त होता है |
Mahanavami के अगले दिन क्या आता है ?
महानवमी के दिन के बाद दशमी का दिन आता है | जिसे हम दशहरा के रूप में मनाते हैं यह दिन इसलिए मनाया जाता है ,क्योंकि इसी दिन भगवान राम ने रावण से युद्ध किया था | युद्ध से पहले भगवान राम ने 9 दिन तक मां दुर्गा की कठोर तपस्या की थी | इसके बाद ही उन्होंने लंका पर चढ़ाई कर रावण का वध किया था | इसी वजह से नवरात्रि के अगले दिन विजयदशमी का पर्व या दशहरा पूरे देश में बनाया जाता है | इस दिन ही असत्य पर सत्य की जीत व अधर्म पर धर्म की जीत हुई थी ।
Dussehra क्या है ? व इसे क्यों मनाया जाता है |
हम इसे दशहरा कहें या विजयदशमी बात एक ही है | यह पर मुख्यतः शरद नवरात्रों के बाद आता है | यह हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है । इस त्यौहार को देशभर में अधर्म पर धर्म की जीत की खुशी में मनाया जाता है ।
इस दिन भगवान श्रीराम ने मां दुर्गा के 9 दिन तक लगातार पाठ किए व लंका पर चढ़ाई कर रावण पर विजय प्राप्त कर अपनी पत्नी सीता को वां से छुड़ाया इसी खुशी में यह त्योहार बड़ी धूमधाम से बनाया जाता है।
मुख्यतः दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है | इसमें से एक ह- चैत्र शुक्ल एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा।
इस दिन भक्तजन शस्त्र पूजा भी करते हैं ,तथा नया कार्य प्रारंभ करते हैं | ऐसा विश्वास है कि जो भी कार्य है इस दिन शुरू किया जाता है उसमें विजय अवश्य ही मिलती है |प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना करके रन यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे | इस दिन पूरे देश भर में अलग-अलग जगह मेले लगे जाते हैं रामलीला का आयोजन किया जाता है रावण व उसके भाई मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला लगाकर उसे जलाया जाता है ।
क्या MahaNavami and DurgaPuja एक है ?
महानवमी मां दुर्गा का वह नौवां दिन होता है, जिस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है व इसी के साथ नवरात्रों का संपन्न होता है । दुर्गा पूजा भी इसी को कहा जाता है देशभर में इसे अलग-अलग शक्ति पीठो पर बड़े धूमधाम से मनाया जाता है ।
कब है महानवमी का शुभ मुहूर्त
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