हवन करने से पहले जान लें कुछ बातें, कैसा होना चाहिए हवन कुंड और उसके नियम

हवन करने से पहले जान लें कुछ बातें, कैसा होना चाहिए हवन कुंड और उसके नियम

डोमेन्स

हवन कुंड में आहुति देते समय गुरु और अंश की आज्ञा का पालन करना चाहिए।
हवन करते समय हमेशा आपके मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए।

हवन कुंड के नियम : हिंदू धर्म में प्राचीन काल से ही पूजा विधि के साथ यज्ञ-हवन का विशेष महत्व है और प्राचीन काल से ही ऋषि मुनि यज्ञ-हवन करते रहे हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि यज्ञ करने से वातावरण शुद्ध होता है। इसके साथ ही हवन कुंड की अग्नि को दुनिया द्वारा प्रज्वलित किया जाता है। विज्ञान के अनुसार, जिस स्थान पर उसका उपयोग किया जाता है, उस स्थान के आस-पास का वातावरण शुद्ध होने के साथ-साथ रोग संबंधी राजस्व वाले कीटाणु आप ही नष्ट हो जाते हैं। भोपाल के रहने वाले ज्योतिष एवं ऋक्सिटेक्स सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा उन्होंने बताया कि हवन दो प्रकार के होते हैं। एक वैदिक और दूसरा तांत्रिक है। दोनों प्रकार के हवनों को लेकर हवन कुंड की विधि और भूमि का निर्माण अनिवार्य है। इसके अलावा हवन में आहुति देते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान भी रखा जाना बहुत जरूरी है।

हवन की भूमि

हवन करने के लिए सबसे पहली जरूरी है भूमि का चुनाव करना। प्राचीन काल में हवन के लिए नदी के किनारे की, मंदिर की या फिर पूर्व कोने में बने हवन कुंड की जमीन सबसे बेहतरीन देखी गई थी। वेद शास्त्रों में बताया गया है कि हवन कुंड बनने के लिए दरार युक्त या फटी हुई भूमि, सर्प के बिल वाली भूमि अशुभ है।

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हवन कुंड की आकृति

हवन कुंड में तीन झरोखों का निर्माण किया गया है, जिनमें धर्म शास्त्रों में मेकला कहा गया है। हवन कुंड की इन तिकड़ी आँखों का अलग-अलग रंग होता है। हवन कुंड की सबसे पहली सीढ़ी का रंग सफेद होता है। दूसरी सीढ़ी का रंग लाल और आखिरी सीढ़ी का रंग काला होता है। ऐसा माना जाता है कि हवन कुंड की इन तीनों दृश्यों में तीन देवता निवास करते हैं। पहली सीढ़ी में भगवान विष्णु दूसरी सीढ़ी में भगवान ब्रह्मा और तीसरी सीढ़ी में भोलेनाथ का वास माना जाता है।

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हवन का नियम

ऐसा माना जाता है कि हवन कुंड में आहुति देते समय शास्त्रों के अनुसार गुरु की आज्ञा और आचार्य की आज्ञा का पालन करना चाहिए। इसके अलावा हवन करते समय हमेशा आपके मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए। साथ ही यह निश्चय भी होना चाहिए आपके द्वारा किए गए इस हवन से जन सामान्य और मानव पूरी तरह के साथ आपकी भलाई होगी।

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