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जिस समय सूर्य देव को अर्घ्य दे रहे हों तो उस समय गायत्री मंत्र का जाप करें।
अर्घ्य देने के बाद उसी समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र: सूर्य से पूरी दुनिया को ऊर्जा और प्रकाश प्राप्त होता है। धार्मिक समुदायों के अनुसार हिंदू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य सभी योजनाओं का राजा है। योजनाओं में सूर्य का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में पिता, पुत्र, उत्सव, यश, तेज, आरोग्य, विश्वास और संयम का कारक माना जाता है। मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य की नियमित गणपति करता है, उसे सूर्य के समान तेज और यश की प्राप्ति होती है। भोपाल के रहने वाले ज्योतिष एवं ऋक्सिटेक्स सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष संकेत हैं कि किसी व्यक्ति को अपना सूर्य मजबूत करने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। जो व्यक्ति इसका नियमित पाठ करता है, उसके जीवन में सफलता के सारे दरवाजे खुल जाते हैं। आइए जानते हैं आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ की विधि और उसके फायदे।
इस विधि से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ
सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। उसके बाद उसके स्पष्ट वस्त्र धारण करके सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके लिए एक ब्रेज़ेन के कलश में जल, रोली या चंदन और लाल सितारा अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
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जिस समय सूर्य देव को अर्घ्य दे रहे हों तो उस समय गायत्री मंत्र का जाप करें। अर्घ्य देने के बाद उसी समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
पंडित जी के अनुसार इस पाठ को यदि शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार के दिन शुरू किया जाए तो श्रेष्ठ माना जाता है।
जिस व्यक्ति को आदित्य हृदय स्तोत्र का पूर्ण रूप से लाभ प्राप्त करना है। उसे नियमित रूप से साख के समय पढ़ाना चाहिए।
पाठ के पूरे होने के बाद सूर्य देव को मन ही मन स्मरण करते हुए नमस्कार करना चाहिए।
किन्हीं कारणों से यदि आप प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ नहीं कर सकते हैं तो हर रविवार बेशक करें।
जो व्यक्ति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करता है, उसे रविवार के दिन मांस, व्यापक और तेल का सेवन नहीं करना चाहिए। संभव हो तो रविवार के दिन नमक भी ताकतवर हो सकता है।
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आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से होने वाले लाभ
पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि जो लोग आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते हैं। उनका विश्वास अच्छा होता है और वे अपने कार्य क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ उन व्यक्तियों के लिए रामबाण है, निश्चित निश्चय की कमी है।
इस पाठ को करने से नकारात्मक उद्धरण से छुटकारा मिलता है। साथ ही मन का भय भी दूर हो जाता है।
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प्रथम प्रकाशित : 18 दिसंबर, 2022, 06:35 IST