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घोटालों की स्थिति सुबह होने वाली है।
रत्न धारण करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं।
नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से माना जाता है।
नीलम रत्न के लाभ: योजनाओं में अशुभ स्थिति के कारण जीवन में अनेक परेशानियां आती हैं। इस वजह से व्यक्ति को जीवन खराब लगता है और वह तनाव महसूस करता है। ऐसे में योजनाओं की स्थिति शुभ होने वाली है। शास्त्रों में योजनाओं को अनुकूल रखने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें सबसे सरल व प्रभावकारी उपाय रत्न का है। रत्न शास्त्र में योजनाओं को संतुलित रखने के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, रत्न को राशियों के होश से धारण करने पर ही उसका लाभ प्राप्त होता है।
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नीलम का शनि ग्रह से संबंध
पंडित इंद्रमणि घनस्याल आरोप लगाते हैं कि यदि किसी की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है और उसके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है तो ऐसे व्यक्ति को नीलम धारण करना चाहिए। नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से माना जाता है। ऐसे में नीलम धारण करने से शनि का प्रकोप शांत रहता है। हालांकि, नीलम रत्न हर किसी को धारण नहीं करना चाहिए। नीलम का लाभ तब ही प्राप्त होगा, जब वह राशि के होश से धारण करेगा।
नीलम किस राशि के लिए शुभ है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नीलम मकर व कुंभ राशि के जातकों के लिए पढ़ना शुभ होता है। मकर व कुंभ राशि के लोगों के लिए नीलम किसी वरदान से कम नहीं है। मकर व कुंभ राशि का स्वामी शनि होता है। शनि के शुभ अवसर के लिए नीलत धारण करना सबसे अच्छा रहता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि व संकल्प की प्राप्ति होती है।
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नीलम धारण करने के फायदे
रत्न शास्त्र में नीलम धारण करने के कई लाभ बताते हैं। नीलम धारण करने से नकारात्मकता दूर रहती है। इससे व्यक्ति का मन एकग्रत रहता है और काम आसानी से पूरा हो जाता है। नीलम धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि होता है। व्यापार में लाभ तो नौकरी में होता है। नीलम को शनिवार के दिन गंगाजल से शुद्ध करने के बाद धारण करना चाहिए।
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प्रथम प्रकाशित : 19 दिसंबर, 2022, 01:25 IST