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पंचमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के 5 रूपों का प्रतीक है।
पंचमुखी रुद्राक्ष से बृहस्पति ग्रह की अशुभता समाप्त होती है।
पंचमुखी रुद्राक्ष को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष के लाभ : देवों के देव महादेव भगवान शिव के आशीर्वाद से सभी कार्य सिद्ध होते हैं। रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव से हुई है। रुद्राक्ष एक भुज, दो धारी, पंचमुखी जैसे कई प्रकार के होते हैं। जिसे पंचमुखी रुद्राक्ष का विशेष महत्व माना जाता है। पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने के अनगिनत फायदे होते हैं। शास्त्रों में रुद्राक्ष धारण करने के कई लाभ बताते हैं। रुद्राक्ष को सुख—समृद्धि वभक्ति का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। आइए जानते हैं पंचमुखी रुद्राक्ष के फायदे और इसे धारण करने की विधि।
पंचमुखी रुद्राक्ष के फायदे
पंडित इंद्रमणि घनास्यालीय कथन हैं कि पंचमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के 5 रूपों का प्रतीक है। मनुष्य का शरीर पंचतत्वों अग्नि, जल, वायु, आकाश और पृथ्वी से बना है। पंचमुखी रुद्राक्ष से व्यक्ति के शरीर के ये सभी पांच तत्व नियंत्रण में रहते हैं। पंचमुखी रुद्राक्ष बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव को समाप्त करता है। पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की एकाग्रता क्षमता बढ़ती है। जीवन में सुख—समृद्धि के साथ व्यापार में विकास होता है। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ होता है।
कैसे धारण करें पंचमुखी रुद्राक्ष
ज्योतिषियों के अनुसार पंचमुखी रुद्राक्ष को सोमवार या गुरुवार के दिन शुभ माना जाता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें प्रसाद का भोग करें। पंचमुखी रुद्राक्ष करते समय उत्तर दिशा में ॐ हरेम नम: का जाप करना चाहिए। रुद्राक्ष को लटके हुए में धारण करना उत्तम माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का ध्यान अवश्य करें।
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प्रथम प्रकाशित : 25 दिसंबर, 2022, 02:25 IST